खट्टा ओर मीठा
मन की बाते
Monday, January 7, 2013
महफिले भी सुनसान बहुत है
जरा संभल के चलना ए दोस्त|
इश्क के रस्ते में इम्तिहान बहुत है ||
दूर से तो जगमगाती है मंजिले |
पर यहाँ तो महफिले भी सुनसान बहुत है ||
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ये थी मेरे मन की बात, आपके मन में क्या है बताए :
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