Thursday, January 10, 2013

बिखरी बिखरी सी अब जिंदगी हो गयी है



बिखरी बिखरी सी अब जिंदगी हो गयी है
शायद किसी की अब कमी हो गयी है |

चैन ओ सुकून खो गया हैं कही पर
दिल में एक अजीब सी बेकली हो गयी है |

गम में भी मुस्कुराया करते थे मेरे लब 
उनकी मुस्कराहट अब जाने कहा खो गयी है |

टूट कर यू रोया आज मुद्दतों के बाद में
जैसे हर उम्मीद अब खत्म हो गयी है |

वक्त का तकाजा था या यही किस्मत में था
हर एक मेरी चीज जाने कही गुम हो गयी है |

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